Total rivers in Bihar and their length | बिहार में कौन-कौन सी नदियां हैं: जैसा की आप सभी जानते ही होंगे की भारत को नदियों का देश कहा जाता है। देश के अलग-अलग राज्य में अलग-अलग नदियाँ बहती है। आज हम आपको अपने लेख में बिहार में कितनी नदिया है और उनकी लम्बाई कितनी है इन सब के बारे में बताने जा रहे है और इसी के साथ हम आपको यह भी बताएँगे कि कैसे आप नदियों के माध्यम से पानी का सदुपयोग और जल संरक्षण करके देश की व बिहार राज्य की समस्या हल कर सकते है तो चलिए जानते है बिहार में कुल कितनी नदियाँ है, बिहार की मुख्य नदी कौन सी है, बिहार में उत्तर की और बहने वाली नदी, बिहार में गंगा की लम्बाई, बिहार की सबसे बड़ी नदी, सबसे छोटी नदी आदि के बारे में जानेंगे।

बता देते है नदियाँ पृथ्वी पर बहने वाली एक जलधारा है। अधिकतर मानव सभ्यताएं नदियों के किनारे ही बसी है। नदियाँ देश भर में बड़ी सांख्य में लोगों को पानी पीने, बिजली और आजीविका प्रदान करती है। इसी के साथ प्राचीन काल से ही भारत देश में नदियों की पूजा भी की जाती है और कई ऐसी पवित्र नदियां है जहाँ मनुष्य की डुबकी लगाने मात्र से ही मनुष्य को उनके किये पापों से मुक्ति तक मिल जाती है। बिहार में सबसे बड़ा नदी कौन सा है, बिहार की सबसे छोटी नदी|
दो भागों को विभाजित बिहार की नदियाँ :
1. उत्तरी बिहार की नदियाँ (Rivers of North Bihar) :
- गंगा नदी
- कोसी नदी
- महानंदा नदी
- कमला नदी
- बागमती नदी
- गंडक नदी
- बूढ़ी गंडक नदी
- घाघरा (सरयू नदी)
2. दक्षिण बिहार की नदियां (Rivers of Southern Bihar) :
- सोन नदी
- पुनपुन नदी
- फल्गू नदी
- अजय नदी
- चानन नदी
- कर्मनासा नदी
- किऊल नदी
जानते है विस्तारपूर्वक बिहार की नदियों के बारे में (Rivers In Bihar)
1. गंगा नदी (Ganga River)
गंगा नदी देश की सबसे प्रमुख और पवित्र नदी है। यह भारत देश की सबसे लम्बी नदी है जिसकी लम्बाई कुल 2500 किलोमीटर है। गंगा नदी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गोमुख स्थान गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है। गंगा नदी बिहार के मध्य भाग में पश्चिम से पूर्व (west to east) की और प्रवाहित (फ्लो) होती है। गंगा नदी बिहार में बक्सर जिला के चौसा के पास प्रवेश करती है। बता देते है गंगा नॉर्थन बिहार की मेजर नदी है। बिहार में गंगा नदी की कुल लम्बाई 445 किलोमीटर (bihar mein ganga nadi ki lambai) है। नदी का राज्य में फ्लो एरिया 15165 sq. km है।
बिहार राज्य में गंगा नदी की प्रमुख नदियाँ घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, सोन नदी, पुनपुन, महानंदा एवं कर्मनासा है। जानकारी के लिए बता दें, गंगा और उसकी उत्तरी दिशा से मिलने वाली सभी सहायक नदियों के कारण उत्तर बिहार का मैदान बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित रहता है।
2. घाघरा (सरयू नदी) {Ghaghara River}
घाघरा नदी उत्तर बार में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है। घागरा नदी का उद्गम स्थल (point of origin) नेपाल में नाम्या है। इस नदी को नेपाल में करनाली और यूपी में सरयू नदी के नाम से जाना जाता है। जिसमे अयोध्या सरयू नदी के किनारे स्थित एक धार्मिक स्थल है।
घाघरा नदी मापचाचुंगो ग्लेशियर से आती है इसकी कुल लम्बाई 1080 किलोमीटर है जबकि बिहार राज्य में घाघरा नदी की लम्बाई 83 किलोमीटर है। यह नदी बिहार और यूपी की सीमा का बटवारा करती है। घाघरा नदी सारण जिले में छपरा के पास पहुंचकर गंगा में मिल जाती है। घाघरा की सबसे बड़ी सहायक नदी राप्ती है।
3. कोसी नदी (Kosi River)
कोसी नदी उत्तरी बिहार की प्रमुख नदियों में से एक है। ऋग्वेद में इस नदी के बारे में कौशिकी नाम से किया गया है। कोसी नदी को नेपाल में सप्तकोशी नाम से जाना जाता है क्यूंकि यह नदी 7 नदियों की धाराओं जैसे: इंद्रावती, सनकोसी, ताम्रकोसी, लिच्छूकोसी, दूधकोसी, अरुणकोसी, तामुरकोसी से मिलकर बनी है। त्रिवेणी के पास सभी धाराएं मिलकर कोसी नदी के नाम से जानी जाती है और यही इसकी सहायक नदियां है।
कोसी नदी अपने मार्ग परिवर्तं व बाढ़ आने के कारण की वजह से बिहार का शोक कही जाती है। यह नेपाल और तिब्बत की सीमा रेखा पर स्थित गोसाई थान छोटी से निकलती है इसकी कुल लम्बाई 730 किलोमीटर है लेकिन बिहार राज्य में इसकी लम्बाई 260 किलोमीटर है। बता देते है पिछले 250 सालो में इस नदी की 120 किलोमीटर चौड़ाई बड़ी है।
4. महानंदा नदी (Mahananda River)
महानंदा नदी नार्थ (उत्तरी) बिहार के मैदान से बहने वाली सबसे पूर्व की नदी कहलाई जाती है। इसकी कुल लम्बाई 360 किलोमीटर है और बिहार राज्य में इसकी लम्बाई 376 किलोमीटर है। यह नदी कई जगह पर बिहार और बंगाल के साथ सीमा रेखा का बॉडर बनाती है। महानंदा नदी हिमालय से निकलकर बिहार राज्य के पूर्णिया और कटिहार जिले में बहती है और फिर वही से गंगा नदी में मिल जाती है। इसे गंगा नदी की उपनदी कहा जाता है और यह गंगा नदी की अंतिम सहायक नदी है।
5. कमला नदी (Kamala River)
कमला नदी उत्तरी बिहार की प्रमुख नदी में से एक है। यह नेपाल की महाभारत रेंज से निकलकर भारत के बिहार राज्य में बहने वाली नदी है। मिथलांचल क्षेत्र में इस नदी को गंगा सामान पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा की जाती है। इस नदी की कुल लम्बाई 328 किलोमीटर है जबकि बिहार राज्य में इसकी लम्बाई 120 किलोमीटर है। इसका बिहार राज्य में जलग्रहण क्षेत्र 4488 किलोमीटर है।
कमला नदी की सहायक नदियाँ सोनी, ढोरी, भूतही, बलान आदि है। पीपरा घात में बलान नदी कमला नदी में मिल जाती है। यह नदी कई धाराओं में डिवाइड हो जाती है कमला नदी की एक प्रमुख धरा कोसी में जाकर मिल जाती है और एक धारा खगड़िया जिले में बागमती नदी से मिल जाती है।
6. गंडक नदी (Gandak River)
गंडक नदी उत्तरी बिहार में बहने वाली प्रमुख नदी में से एक है। इसकी कुल लम्बाई 630 किलोमीटर है और बिहार राज्य में इसकी लम्बाई 260 किलोमीटर है। यह नदी सात धाराओं से मिलकर बानी है इस नदी सप्तगंडकी, कालीगंडक, नारायणी, शालिग्रामी, सदानीरा आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है। गंडक नदी नेपाल के अनपूर्णा रेंज के मानेगमोट और कुटंग (जो कि नेपाल और तिब्बत बॉर्डर) के बीच से निकलती है। नेपाल में इस नदी को गंडक नारायणी या गंडकी नाम से जाना जाता है।
गंडक नदी भैंसालोटन (पश्चिम चंपारण) के निकट बिहार में प्रवेश करती है। गंडक नदी सारण और मुजफ्फरपुर की सीमा निर्धारित करके सोनपुर और हाजीपुर के बीच से बहती हुई पटना के पास गंगा नदी में मिल जाती है। बता देते है इसी संगम पर देश में प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र में सोनपुर पशु मेला हर साल मनाया जाता है।
7. बागमती नदी (Baghmati River)
बागमती नदी नेपाल और भारत में बहने वाली नदी है। इसकी कुल लम्बाई 597 किमी है। यह नेपाल में काठमाण्डु घाटी से निकली है और एमपी से गुजरकर बिहार राज्य में प्रवेश करती है। जिसके बाद यह नदी कोसी नदी में मिल जाती है। बिहार में बागमती नदी की लम्बाई 394 किमी है। यह नदी हिन्दुओं और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र नदी है इसी नदी के किनारे कई हिन्दू मंदिर जैसे: पशुपति नाथ मदिर आदि स्थित है।
यह नदी उत्तरी बिहार में बहती बूढ़ी गंडक नदी की प्रमुख सहायक नदी है। इस नदी की सहायक नदियाँ विष्णुमती नदी, लखनदेई नदी, लाल बकेया नदी, चकनाहा नदी, जुमने नदी, सिपरिधार नदी, छोटी बागमती और कोला नदी है।
8. बूढ़ी गंडक नदी (Old Gandak River)
बूढ़ी गंडक नदी बिहार की उत्तरी क्षेत्र में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है। इस नदी की कुल लम्बाई 320 किमी है। बिहार में इसकी लम्बाई 320 किमी है। यह बिहार में बहने वाली गंगा नदी की उपनदी है। बता देते है बूढी गंडक नदी गंडक नदी के समांतर उसके पूर्वी भाग (parallel to its eastern side) में बहती है।
यह नदी पश्चिमी चम्पारण जिले में शुरू होती है और फिर चम्पारण, मुजफ्फरनगर, समस्तीपुर, बेगूसराय जिलों से बहते हुए आखिर में खगड़िया जिले से होकर खगड़िया जिले में स्थित गंगा नदी में मिल जाती है।
9. सोन नदी (Son River)
सोन नदी बिहार की दक्षिणी क्षेत्र में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है। इस नदी को हिरण्यवाह और सोनभद्र के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी बारहमासी नदी है। इस नदी की कुल लम्बाई 780 किमी है। सोन नदी जहाँ से बहती है वही से ही नर्मदा एवं महानदी भी बहती है। यह नदी भरंश घाटी से बहती है। सोन नदी मध्यप्रदेश, यूपी और झारखण्ड से बहते हुए बिहार राज्य के रोहतास जिले में प्रवेश करती है। बिहार राज्य में सोन नदी की लम्बाई 202 किलोमीटर है।
दक्षिण बिहार में बहने वाली गंगा नदी की यह सबसे लम्बी सहायक नदी है। सोन नदी की सहायक नदी गोपद, रिहंद, कन्हर एवं उत्तरी कोयल नदी है। इस नदी पर दक्षिण-पश्चिम (Southwest) बिहार की सबसे प्रमुख सिंचाई योजना का बनी हुई है। इसी नदी पर सबसे पहला बाँध देहरी जो कि 1873-74 में बनाया गया था जिसके बाद इसपर बैराज का निर्माण किया गया।
10. पुनपुन नदी (Punpun River)
पुनपुन नदी दक्षिणी बिहार में बहने वाली नदी है। इसकी कुल लम्बाई 200 किलोमीटर है। यह एक मौसमी नदी है। यह नदी कीटक और बामगधी के नाम से भी जानी जाती है। यह गंगा नदी की उपनदी है। यह झारखण्ड के पलामू डिस्ट्रिक्ट में छोटे नागपुर पठार (Plateau) से निकलती है और फिर पलामू जिले से होते हुए बिहार के औरंगाबाद जिले, गया जिले और पटना जिले से बहते हुए फतुआ जिले में स्थित गंगा नदी में मिल जाती है।
पटना जिले में उपस्थित पुनपुन नगर का नाम इस नदी के नाम से ही रखा गया है। इस नदी के किनारे ही लोग कई संख्या में छठ पूजा की जाती है। इस नदी की सहायक नदी दरधा, यमुना, मादर, बिलोरा, रामरेखा, आद्री, धोबा, मोरहर आदि है
11. फल्गु नदी (Falgu River)
फल्गु नदी दक्षिणी बिहार की प्रमुख नदियों में से एक है। इस नदी की कुल लम्बाई 35 किलोमीटर है। इस नदी की मुख्य धारा निरंजना कहलायी जाती है। यह नदी मौसमी नदी है। बोधगया के पास इसमें मोहाने नदी मिलती है। मोहाने के मिलने के पश्चात ही इसे फल्गु नदी कहा जाता है। इस नदी पर ही गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इस नदी के किनारे पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है। नदी के तट पर ही पितृ पक्ष मेला लगता है। जहानाबाद जिले में बराबर पहाड़ी के पास फल्गु नदी दो शाखाओं (ब्रांचेस) में डिवाइड हो जाती है।
जानकारी के लिए बता देते है इस नदी को माता सीता ने श्राप दिया था जिस कारण यह नदी भूमि के नीचे बहती है इसलिए इसे भू-सलिला भी कहते है। इसके अलावा इसे लीलाजन नाम से भी जाना जाता है।
12. अजय नदी (Ajay River)
अजय नदी बिहार के जुमई जिले के दक्षिण में 5 किमी दूर बटबाड़ से निकलती है। इस नदी की कुल लम्बाई 288 किलोमीटर है। अजय नदी बिहार से झारखंड में देवदार जिले में पहुँचती है। इस नदी को अजयावती या अजमाती नाम से भी जाना जाता है। यह नदी पूरब एवं दक्षिण (east and south) दिशा की और बहते हुए पश्चिम बंगाल में पहुंचकर गंगा नदी में मिल जाती है।
13. कर्मनाशा नदी (Karmnasha River)
कर्मनाशा नदी बिहार और यूपी जैसे राज्यों में बहने वाली नदी है। यह गंगा की उपनदी है। कर्मनाशा नदी का अर्थ है- कर्म का नाश करने वाले नदी। इस नदी की लम्बाई 192 किमी है। यह नदी बिहार के कैमूर जिले से निकलती है और बहते हुए यूपी की सीमा निर्धारित करती है। कर्मनाशा नदी यूपी के गाजीपुर डिस्ट्रिक्ट के बाड़ा गाँव एवं बिहार के बक्सर जिले के चौसा गाँव के निकट स्थित गंगा नदी में मिल जाती है। जानकारी के लिए बता दे, हिन्दू धार्मिक की मान्यता के अनुसार इस नदी को अपवित्र और अशुभ माना जाता है।
14. चानन नदी (Chanan River)
चानन नदी दक्षिणी बिहार में बहने वाले नदी है। इस नदी को पचाने भी कहा जाता है। चानन चानन नदी का मूल नाम पंचानन है। जो कालांतर (बीते समय के बाद) चानन बन गयी। यह नदी पांच धाराओं से मिलकर बनी है। इस नदी की प्रमुख धाराएं पैमार, तिलैया, धरांजे, महाने आदि छोटानागपुर पठार (Plateau) से निकलती है।
15. किऊल नदी (Kiul River)
किऊल नदी दक्षिणी बिहार में बहने वाली नदी है। यह नदी हजारीबाग पठार (Plateau) से बहती है। क्यूल नदी बिहार राज्य के जुमई जिले के सतपहाडी के पास आकर एंटर करती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ बर्नर, अंजन, हरोहर आदि है। किऊल नदी लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा के पास स्थित गंगा में आकर मिल जाती है।