Gulzar Biography in Hindi: गुलज़ार की शायरी तो आज हर एक युवा व्यक्ति की जुबान पर होती है। गुलजार के जीवन से जुडी हुई कई बातें आज हम इस लेख में जानेंगे। गुलजार हिंदी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं, गुलज़ार इसके अलावा कविता, नाटकों गीतों और लघुकथाओं के लिए और शायरी के लिए जाने जाते हैं इन्होने कई भाषाओँ में लेखन किया है। गुज़र ने अपने गीतों के लिए और अपनी फिल्मों के लिए कई सम्मानित पुरस्कार प्राप्त किये। आज हम गुलज़ार के जीवन से जुडी बातें, जैसे उनका एक गीतकार के रूप में जीवन कैसे रहा, इससे पहले वो क्या करते थे। उनके परिवार और प्रेम संबंध के बारे में आज हम यहाँ पर जानेगे।
गुलजार जीवन परिचय (Gulzar Biography in Hindi)

जन्म-परिवार (Gulzar Family)
गुलज़ार का जन्म 18 अगस्त 1934 को दीना, झेलम,जिला (वर्तमान में पाकिस्तान में है)भारत में हुआ था। हालाँकि उस वक्त ब्रिटिश शासन था, गुलजार के पिता जी का नाम माखन सिंह कालरा था, और इनकी माताजी का नाम सुजान कौर था। गुलज़ार की माता से इनके पिता ने दूसरी शादी की थी और गुलजार अपनी माता की इकलौती संतान थे। और गुलज़ार की माता की मृत्यु भी बचपन में ही हो गया और इसके बाद इन्हे ना तो माँ का प्यार मिला और ना ही पिता का प्यार-दुलार गुलज़ार के परिवार में 9 भाई-बहन थे, और गुलजार इन भाई-बहनों में चौथे नंबर के थे। जिस कारण उनको परिवार से ज्यादा प्यार नहीं मिला। भारत विभाजन के दौरान गुलज़ार का परिवार दीना से पंजाब अमृतसर आ गए और गुलज़ार वहीँ से मुंबई आ गए। और यहाँ आकर उन्होंने मैकेनिक का काम करना शुरू किया।
असली नाम | संपूर्ण सिंह कालरा |
उपनाम | गुलजार दिनवी (अब केवलगुलज़ार ) |
पेशा | लेखक, गीतकार, फिल्म निर्देशक |
शारीरिक संरचना
लम्बाई | 5 फ़ीट 6 इंच |
वजन | 68 kg |
बालों का रंग | सफ़ेद |
आँखों का रंग | गहरा भूरा |
निजी जानकारी (Personal Information)
परिवार
पिता | माखन सिंह कालरा |
माता | सुजान कौर |
भाई-बहन | ज्ञात नहीं |
प्रेम संबंध/वैवाहिक स्थिति
गुलज़ार की शादी बॉलीवुड अभिनेत्री राखी के साथ हुई थी। राखी भी अपने समय की उच्च श्रेणी की अभिनेत्रियों में से एक अभिनेत्री हैं। उनके सभिनी के लिए उनको भी पद्मश्री जैसे कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इनका जन्म साल 1947 में 15 को हुआ था। राखी और गुलज़ार ने 15 मई 1973 को शादी की। लेकिन इनका यह रिश्ता कुछ ज्यादा लम्बे समय तक चल ना सका, राखी ने एक लड़की को जन्म दिया और इनकी बेटी जिनका नाम मेघना है, इनके जन्म के बाद गुलज़ार और राखी अलग हो गए लेकिन आज शादी के इतने सालों बाद भी इन्होने तलाक नहीं लिया। इनकी बेटी मेघना गुलज़ार (बास्की) भी फिल्म निर्देशन का काम भी करती हैं और वो लेखन का काम भी करती हैं।
वैवाहिक जानकारी | विवाहित (वर्तमान समय में अलग-अलग रहते हैं) |
पत्नी | राखी (अभिनेत्री) |
विवाह तिथि | 15 मई 1973 |
बच्चे | बेटी – मेघना गुलजार |
प्रेम संबंध | मीना कुमारी |
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Gulzar Favorite Things (गुलज़ार की पसंदीदा चीजें)
पसंदीदा किताब | The Gardener (रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखी गई) |
पसंदीदा लेखक | रबीन्द्रनाथ टैगोर |
पसंदीदा गायक | किशोर कुमार, लता मंगेशकर, मोहित चौहान, रेखा भारद्वाज |
पसंदीदा गीतकार | शैलेन्द्र, साहिर लुधियानवी |
पसंदीदा फिल्म निर्माता | बिमल रॉय |
पसंदीदा फिल्म निर्देशक | आर. डी. बर्मन, एस. डी.बर्मन, विशाल भारद्वाज, ए आर रहमान। |
पसंदीदा अभिनेत्री | राखी |
गुलज़ार के जीवन से जुड़े विवाद
- 70 के दशक में गुलज़ार की फिल्म आंधी आई थी, जो की काफी विवाद में आ गई क्योंकि इस फिल्म में मुख्य अभिनेत्री का चरित्र तत्कालीन सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के जैसे था।
अवार्ड्स/सम्मान
यहाँ पर गुलज़ार को प्राप्त पुरस्कार और सम्मानों की सूची यहाँ पर दी गई है।
- साल 1972 में गुलज़ार को उनकी फिल्म कोशिश के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- फिल्म आंधी के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म के रूप में फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड प्राप्त किया।
- गुलज़ार की फिल्म घरोंदा के गाने/गीत दो दीवाने शहर में के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीतकार होने के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 1980 में गुलजार की फिल्म गोलमाल के गाने आने वाला पल जाने वाला है। इसके लिए फिर से इन्हे सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 1981 में इनको फिल्म थोड़ी सी बेवफाई के गाने हजार राहें मुड़ के देखी के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- साल 1984 में मासूम फिल्म के गीत तुझसे नाराज नहीं जिंदगी के लिए इन्हे सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- साल 1988 में इनको इजाजत के गीत मेरा कुछ सामान के लिए एक बार फिर से सर्वश्रेष्ठ गीतकार के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- 1990 में गुलज़ार को सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र उस्ताद अमजद अली खान के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
लगातार कई सालों तक प्राप्त हुए फिलफेयर पुरस्कार
- यारा सिली सिली (लेकिन फिल्म )के लिए इन्हे 1991 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- फिल्म माचिस के लिए साल 1996 में इनको सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन प्रदान करने लोकप्रिय फिल्म को राष्ट्रीय फिम पुरस्कार से सम्मानित किया।
- धुआं (उर्दू फिल्म ) को साल 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- साथिया फिल्म के गीत साथिया के लिए 2003 में इनको सर्वश्रेष्ठ गीतकार के सम्मान में फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- साल 2004 में इनको पद्मा भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- बंटी और बबली के गीत कजरा रे के लिए इनको साल 2006 में सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- साल 2008 में फिल्म स्लमडॉग मिलिनेयर के गीत जय हो को सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिए ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
- और इसी फिल्म (स्लमडॉग) के लिए एक मोशन पिक्चर, टेलीविजन और बाकि विजुअल मीडिया के लिए लिखित सर्वश्रेष्ठ गीतकार के तौर पर ग्रैमी अवॉर्ड प्राप्त किया।
- फिल्म इश्किया के गीत दिल तो बच्चा है जी के लिए साल 2011 में सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
- साल 2013 में फिल्म जब तक है जान के छल्ला गाने ले लिए इन्हे सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया था।
- साल 2013 में इनको गीतकार, कवि, और फिल्म निर्देशक के रूप में फिल्म उद्योग में योगदान देने के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ।
गुलजार के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें
- गुलज़ार का जन्म पाकिस्तान के झेलम जिले में हुआ था। लेकिन भारत विभाजन के दौरान इनका परिवार अमृतसर आ गया था।
- गुलज़ार के पिता जी ने 2 शादियाँ की थी।
- लेखन का काम करने से पहले ये मुंबई में मैकेनिक का काम करते थे। और खली समय में लेखन करते थे।
- गुलज़ार को पढ़ना बहुत पसंद है। और लिखने की प्रेरणा भी इन्होने यहीं से ली। इन्होने लिखने की प्रेरणा रबीन्द्रनाथ टैगोर की द गार्डनर नामक पुस्तक पढ़ कर प्राप्त की।
- गुलज़ार और उनकी पत्नी उनकी बेटी के जन्म के कुछ समय बाद ही अलग हो गए थे लेकिन आज तक उन्होंने एक दूसरे को तलाक नहीं दिया।
- फिल्म क्षेत्र में वह फिल्म ख़ामोशी के गाने हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू से प्रसिद्ध हुए थे।
- खेल में गुलज़ार को टेनिस खेलना पसंद है, और वो अपने खाली समय में टेनिस खेलना पसंद करते हैं।
आज के समय में सुप्रसिद्ध लेखक, कवि और शायर के जीवन से जुडी थोड़ी जानकारी यहाँ पर दी गई है। उम्मीद है आपको गुलज़ार के जीवन से जुडी जानकारी यहाँ पर प्राप्त होगी।