C. A. Bhavani Devi Biography in Hindi | सीए भवानी देवी जीवन परिचय

C. A. Bhavani Devi Biography in Hindi: आखिर कौन हैं ये भवानी देवी ! क्या दोस्तों आप जानते हैं कि C. A. Bhavani Devi कौन हैं। शायद ही हम में से कुछ लोग इनके बारे में जानते होंगे अक्सर हम लोग उन्ही लोगों को जानते हैं जिन चीजों के प्रति हमारी रूचि होती है या फिर जो व्यक्ति फिल्मों और सीरियल्स में काम करते हैं। लगभग सभी उन्ही को जानते हैं। क्योंकि अक्सर हम भले जानते हो या नहीं लेकिन हमारे आसपास के लोग उनको जानते हैं। और धीरे-धीरे हमको भी पता चलता जाता है। लेकिन हम में से कई लोग ये नहीं जानते होंगे की भारत की और से ओलम्पिक में तलवार बाजी प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करने देश की नंबर एक भवानी देवी हैं।

C. A. Bhavani Devi Biography in Hindi | सीए भवानी देवी जीवन परिचय

इसी तरह हमको कई और खेलों और उनके महारथियों के बारे में कोई जानकारी नहीं होती। जैसे आपने देखा होगा कि जब नीरज चोपड़ा डायमंड लीग 2022 जीते और इसके बाद जब ये खबर न्यूज़, सोशल मीडिया पर फैलने लगी तो हर और नीरज चोपड़ा के बारे में ही लोग बातें कर रहे थे, लोग नीरज चोपड़ा को इतना ज्यादा सर्च कर रहे थे सब उनके बारे में जानना चाहते थे। लेकिन कई खिलाडियों के बारे में हमको बिल्कुल जानकारी नहीं होती है। तो इस तरह से हम आज अपने देश की नंबर वन तलवारबाज महिला (C. A. Bhavani Devi) के जीवन से जुड़ी बातें इस लेख में जानने वाले हैं। तो शुरू करते हैं।

जीवन परिचय (C. A. Bhavani Devi Biography)

पूरा नामचडलवादा अनंधा सुंदरारमन भवानी देवी (Chadalavada Anandha Sundhararaman Bhavani Devi)
पेशा/कामभारतीय खिलाडी (तलवारबाज)

निजी जानकारी

जन्मतिथि29 अगस्त 1993
उम्र29 वर्ष (2022 के अनुसार)
जन्मस्थानचेन्नई, तमिलनाडु
राशिकन्या
राष्ट्रीयताभारतीय
धर्महिन्दू
जातिब्राह्मण
स्कूलमुरुगा धनुषकोडी गर्ल्स गवर्नमेंट हाई सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई तमिलनाडु
कॉलेजगवर्नमेंट ब्रेनन कॉलेज केरल
यूनिवर्सिटी/विश्वविद्यालयसेंट जोसेफ इंजीनियरिंग कॉलेज चेन्नई
शैक्षिक योग्यताबिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और इसके साथ ही इन्होने इंजीनियरिंग कॉलेज से MBA किया है।

शारीरिक संरचना

बालों का रंगकाला
लम्बाई5 फ़ीट 4 इंच
आँखों का रंगकाला
वजनलगभग 60 kg
जूते का साइज6(US)

परिवार और जन्म (C. A. Bhavani Devi Family and Birth)

C. A. Bhavani Devi Biography in Hindi | सीए भवानी देवी जीवन परिचय

सी. ए. भवानी देवी (C. A. Bhavani Devi) का जन्म 27 अगस्त 1993 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक सामान्य परिवार में हुआ, आपको भवानी का पूरा नाम बता दें, इनका पूरा नाम चडलावदा आनंद सुंदरारमन भवानी देवी (Chadalavada Anandha Sundhararaman Bhavani Devi)। भवानी के पिता जी का नाम सी आनंद सुंदरारमन है। और इनकी माता का नाम सी. ए रमाणी देवी है, इनकी माता एक गृहणी हैं, और आपको बता दें भवानी देवी के पिता जी एक पुजारी हैं, जो की वहीँ पर मंदिर में पूजन/प्रभु सेवा करते हैं। और इनके परिवार में इनके 2 भाई भी हैं। इनके एक भाई का नाम सुरेश कुमार है जो कि निवेश सलाहकार (investment advisor) हैं और इनके (C. A. Bhavani Devi) दूसरे भाई का नाम गणेश राम है को कि वकील हैं। और इनकी एक बहन भी है जिनका नाम रेणुका है, ये भी वकील हैं।

पिता जी का नामचडलावदा आनंद सुंदरारमन
माता जी का नामसी. ए रमाणी देवी
बड़े भाईसुरेश कुमार
छोटे भाईगणेश राम
बहनरेणुका

C. A. Bhavani Devi Education

दोस्तों आपको बता दें की भवानी देवी ने अपनी शिक्षा अपने देश में और अपने शहर में रह कर ही पूरी की है। ये तो हम सभी जानते हैं, कि शिक्षा प्राप्त करने के लिए हुमो किसी उच्च शिक्षा पद्दति वाले बड़े-बड़े स्कूलों या इंस्टिट्यूट में जाने की आवश्यकता नहीं होती। और हर कोई इतना अधिक खर्चा भी नहीं कर सकता है की वो अपने बच्चों को विदेशों में बड़े स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाये। इसी प्रकार आज देश की नंबर वन तलवारबाज भवानी देवी ने भी अपने गृहनगर में रहकर अपनी शिक्षा प्राप्त की है। क्योंकि वो वो विदेश जाकर पढाई कर सके इतनी अधिक आय शायद उनके पिता जी की उस वक़्त नहीं रही होगी।

ये भी हो सकता है कि आज वो कहीं और से शिक्षा प्राप्त करती तो आज वह तलवार बाजी के जगह पर कोई दूसरा काम कर रही होती। लेकिन उनके पिताजी ने उनके हिसाब से अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा के लिए कोई कमी नहीं रखी, भवानी देवी ने अपनी स्कूली शिक्षा मुरुगा धनुषकोडी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल से प्राप्त की और आगे की शिक्षा इन्होने सेंट जोसफ इंजीनियरिंग कॉलेज से MBA की डिग्री हासिल की है। और इसके साथ ही इन्होने केरल के ब्रेनन कॉलेज व्यवसाय प्रबंध की डिग्री हासिल की है।

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तलवारबाजी में भवानी का प्रशिक्षण

तलवारबाजी का शौक तो भवानी को बचपन से ही था। कहते हैं कि इनको 10 साल की उम्र से ही तलवार बाजी से लगाव हो गया था, भवानी ने अपनी 6वीं कक्षा में पहली बार में तलवारबाजी के बारे में जानकारी प्राप्त की थी। भवानी ने अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान तलवारबाजी सीखना शुरू किया लेकिन धीरे-धीरे भवानी का प्रेम तलवारबाजी के प्रति बढ़ता ही गया। और फिर इन्होने इस खेल को ही अपना करियर बना डाला।
भवानी का तलवार बाजी के बारे में कहना है की जब नये स्कूल में उनका दाखिला 6वीं कक्षा में हुआ तो वहाँ पाए उनको 6 खेलों का विकल्प मिला लेकिन इन खेलों में से तलवार बाजी के अलावा बाकि सभी खेलों में कोई बाकि विकल्प शेष ना था, और इन्हे केवल तलवारबाजी का विकल्प प्राप्त हुआ। और उनकी दिलचस्पी इस खेल में बढ़ती गई। क्योंकि भवानी के लिए यह एक नया खेल था और वो इसको आजमाने के लिए उत्सुक भी थी। और इस खेल की जानकारी भी ज्यादा लोगों को थी नहीं। खासकर तमिलनाडु में तो ये खेल बिल्कुल नया था। भवानी का कहना है की उनके लिए अपने आप में एक प्रेरणा का स्रोत है, और ये खेल मुझे खुशी प्रदान करता है, और साथ ही बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है।

आपको बता दें भवानी अपने प्रशिक्षण के प्रारम्भिक समय में वो अपने साथी खिलाडियों से तलवार उधर लेकर खेला करती थी क्योंकि उनके बाद खुद की इलेक्टॉनिक तलवार नहीं थी। भवानी ने अपनी 10वीं की शिक्षा पूरी करने के बाद केरल के थालास्सेरी में भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र (Sports Authority of India)में एडमिशन लिया। और यहाँ से तलवारबाजी की शिक्षा प्राप्त की।

C. A. Bhavani Devi Career (भवानी देवी का करियर)

भवानी ने कितनी बार कौन-कौन से मैच खेले उसकी जानकरी यहाँ पर दी गई हैं, और कब और कहाँ उन्होंने ये मैच खेले हैं ये जानकारी यहाँ पर है।आपको बता दें की भवानी देवी पहली भारतीय तलवारबाज हैं। जो की 2021 टोक्यो खेलों के लिए क्वालीफाई कर पाई थी

कांस्य और कई पदक किये अपने नाम

  • भवानी ने 2009 में राष्ट्र्मंडल चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और कांस्य पदक अपने नाम किया।
  • साल 2010 में इन्होने थाईलैंड में आयोजित इंटरनेशनल ओपन में फिर से कांस्य पदक प्राप्त किया।
  • साल 2010 में फिलीपींस में होने वाली एशियइन चैम्पियनशिप में भाग लिया और यहाँ पर भी कांस्य पदक अपने नाम किया।
  •  साल 2012 में जर्सी में आयोजित जूनियर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कांस्य व सिल्वर पदक अपने नाम किया।
  • 2014 में भवानी ने अंडर-23 फिलीपींस में आयोजित एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक प्राप्त किया।
  • भवानी देवी जी ने साल 2014 में इटली में टस्कनी कप में स्वर्ण पदक जीता।
  • अंडर-23 फ्लेमिश ओपन 2015 में इन्होने एक बार फिर से कांस्य पदक अपने नाम किया।
  •  साल 2015 में बेल्जियम में आयोजित फ्लेमिश ओपन में कांस्य पदक इन्होने अपने नाम पर किया।
  • टूरनोई उपग्रह डब्ल्यूसी फेसिंग मुकाबले में इन्होने स्वर्ण पदक अपने नाम पर किया। यह साल 2017 में आइसलैंड में आयोजित किया गया था।
  • साल 2018 में आइसलैंड में आयोजित टूरनोई उपग्रह डल्ब्यूसी फेसिंग प्रतियोगिता में इन्होने रजक व कांस्य पदक प्राप्त किया था।
  • ऑस्ट्रेलिया कॉमनवेल्थ फेसिंग चैम्पियनशिप साल 2018 में इन्होने (C. A. Bhavani Devi) गोल्ड मेडल प्राप्त किया था।
  • साल 2019 में बेल्जियम में हुए टूरनोई उपग्रह डब्ल्यूसी फेसिंग प्रतियोगिता में भवानी ने रजत पदक प्राप्त किया था। आइसलैंड टूरनोइ उपग्रह डब्ल्यूसी फेसिंग प्रतियोगिता में इन्होने कांस्य पदक अपने नाम किया था।

देरी के कारण मिला ब्लैक कार्ड

14 साल की उम्र में भवानी अपने जीवन का पहला अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने गई। वे पहली बार इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेलने तुर्की गई। यहाँ पर उनको पहुंचने में केवल 3 मिनट की देरी हो गई थी। जिसके कारण उन्हें ब्लैक कार्ड मिला, और वो अपने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट से बहार हो गई, आपको बता दें कि तलवारबाजी में ब्लैक कार्ड का मतलब खिलाडी को मैच से निष्कासित कर दिया जाना होता है।

भवानी देवी के जीवन से जुड़ी कुछ और जानकारियाँ

  • भवानी देवी अपने तलवारबाजी के जीवन में अपनी माँ को सबसे ज्यादा प्रेरणादायक व्यक्ति बताती हैं। उनक इस बारे में बयान भी है जो कि इस तरह से है – मेरे फेसिंग करियर में मेरी माँ ने मुझे सबसे बड़ी प्रेरणा की स्रोत हैं, भवानी देवी का कहना है की उनके तलवारबाजी के करियर और सपनों को पूरा करने में कई कठिनाइयों को झेला है। उन्होंने (भवनी की माँ) अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए कई तरह से पैसे इक्कठा किया।
  • भवानी देवी ने सबसे पहली बार इलैक्ट्रिक तलवार का इस्तेमाल साल 2007 में पहली बार किसी नेशनल इवेंट के समय किया था। उनके पास इतने ज्यादा पैसे नहीं थे की वो खुद की इलेक्ट्रॉनिक तलवार खरीद सके वो हमेशा दूसरे खिलाडियों की तलवार से ही प्रैक्टिस किया करती थी।
  • भवानी देवी ने चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से तलवारबाजी का प्रशिक्षण लिया है।
  • केवल पैसों की कमी होने के कारण भवानी देवी कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाई थी। इसके बारे में इनका कहना है की वो इन सभी से पीछे रह गई क्योंकि उनके परिवार के पास इतने ज्यादा पैसे नहीं थे जिससे वो विदेश यात्रा का खर्चा उठा सकते।
  • शायद आपको ये बात भी पता नहीं होगी की भवानी देवी को इंटरनेशनल चैम्पियनशिप के लिए विदेश में अंग्रेजी में बात करना बड़ी चुनौती जैसे था क्योंकि उनकी अंग्रेजी इतनी ज्यादा सही नहीं थी। वो कहती हैं कि ऐसे में उनको वह होटल ढूंढने में जहाँ उनको रुकना होता था, वो ढूंढने में भी काफी समस्या होती थी। अंग्रेजी बोलने में दिक्कत होने के कारण उनके रिश्तेदारों और कई लोगों ने उनके माता-पिता को इस सब में भाग लेने के लिए मना किया।
  • भवानी देवी कहती हैं कि -जब मैंने खेल छोड़ने के बारे में सोचा, तो किस्मत से मुझे गोस्पोर्ट फाउंडेशन द्वारा राहुल द्रविड़ एथलीट मेंटरशिप प्रोग्राम के लिए चुना गया।
  • साल 2020 में टोक्यो ओलम्पिक में चुने जाने के बाद अमूल इंडिया ने भवानी देवी का कार्टून प्रति अख़बार में प्रकाशित करवाया और उनकी प्रसंशा की।
  • 2021 में उनको कलिंग इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी ने 2020 टोक्यो ओलम्पिक गेम्स में चयनित होने पर उनको सम्मानित किया।
  • साल 2021 में MY दुइया की सबसे पहली सेफ्टी लाइफस्टाइल ब्रांड ने ओलम्पिक क्वालीफायर को अपना सद्भावना राजदूत बनाने की घोषणा की थी।

तो दोस्तों ये थी थोड़ी बहुत सीए भवानी देवी के जीवन से संबंधित जानकारी किस प्रकार उन्होंने अपना प्रारम्भिक जीवन बिताया फिर कैसे कितने परिश्रमों के बाद वो तलवारबाजी में अपना करियर बना पाई, दोस्तों इस तरह के लोगों से हमको भी सिख लेनी चाहिए कि चाहिए कितनी भी हमारे रस्ते में कितनी भी समस्यायें क्यों ना आये हमको हर नहीं माननी चाहिए। उम्मीद है ये जानकारी आपको पसंद आएगी।

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