Bihar’s governor list: जैसा की आप सभी जानते ही होंगे कि देश में कई ऐसे बड़े बड़े पद है जिनका काम देश की सुरक्षा व विकास के लिए किया जाता है। यह बड़े पद जैसे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल (गवर्नर) आदि होते है। बता देते है जैसे प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति पूरे देश का कार्यभार सँभालते है ठीक उसी तरह राज्यपाल राज्य का कार्यभार सँभालते है। चलिए आज हम आपको बताएंगे कि बिहार के सबसे पहले राज्यपाल (गवर्नर) कौन है, बिहार के वर्तमान राज्यपाल 2022 का नाम, बिहार के राज्यपालों की सूची आदि के बारे में बताने जा रहे है।

कौन होते है राज्यपाल (गवर्नर)
राज्यपाल वह होता जिसे सरकार द्वारा किसी भी राज्य का गवर्नर नियुक्त किया जाता है। गवर्नर का कार्य 5 साल तक का होता है। प्रॉसिडेंट द्वारा ही गवर्नर को नियुक्त किया जाता है। राज्यपाल जिस किसी राज्य में नियुक्त किया जाता है वह उस राज्य का प्रधान होता है। राज्यपाल की सहमति के बाद ही राज्य का सीएम (मुख्यमंत्री) कोई भी निर्णय ले सकता है। हर राज्य में अलग-अलग गवर्नर होते है और इनका कार्यकाल फिक्स होता है। इनका कार्यकाल प्रेजिडेंट द्वारा हटाया भी जा सकता है और भी जा सकता है।
राज्यपाल की अनुमति से ही राज्य के सारे कार्यालय, सारे कानून, सारी गतिविधियाँ गवर्नर के तहत पूरी की जाती है। राज्य में किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए गवर्नर की अनुमति लेना जरुरी है यदि राज्यपाल किसी अनुमति के लिए मन कर देता है तो आप या सरकार या मुख्यमंत्री भी उस काम को नहीं कर सकते है। राज्यपाल के पास ऐसी पावर होती है कि वह किसी को भी हटा सकता है और किसी भी काम के लिए हां या ना की अनुमति दे सकता है। यदि सरकार चाहे तो 5 साल से पहले भी गवर्नर को पद से हटा सकती है।
बिहार में अभी तक के राज्यपाल की सूची
स्वतंत्रता से पूर्व बिहार के पहले गवर्नर | कब से कब तक (कार्यकाल) | |
1 | सर जेम्स सिफ्टन | 1 अप्रैल 1936 से 10 मार्च 1937 |
2 | सर मौरिस गार्नियर हैलेट | 1 मार्च 1937 से 5 अगस्त 1939 |
3 | सर थॉमस अलेक्जेंडर स्टीवर्ट | 5 अगस्त 1939 से 9 जनवरी 1943 |
4 | सर थॉमस जॉर्ज रदरफोर्ड | 9 जनवरी 1943 से मार्च 1943 |
5 | सर हुघ डॉव | 13 मई 1946 से 15 अगस्त 1947 |
स्वतंत्रता से बाद बिहार के पहले गवर्नर | कब से कब तक (कार्यकाल) | |
1 | जयराम दौलतराम | 15 अगस्त 1947 से 11 जनवरी 1948 |
2 | माधव श्री हरी अणे | 12 जनवरी 1948 से 14 जून 1952 |
3 | आर आर दिवाकर | 15 जून 1952 से 5 जुलाई 1957 |
4 | जाकिर हुसैन | 6 जुलाई 1957 से 11 मई 1962 |
5 | एम ए अयंगार | 12 मई 1962 से 6 दिसम्बर 1967 |
6 | नित्यानंद कानूनगो | 7 दिसंबर 1967 से 20 जनवरी 1971 |
7 | डीके बरूआ | 1 फरवरी 1971 से 4 फरवरी 1973 |
8 | रामचंद्र धोंडीबा भंडारे | 4 फरवरी 1973 से 15 जून 1976 |
9 | जगन्नाथ कौशल | 16 जून 1976 से 31 जनवरी 1979 |
जस्टिस के.बी.एन (छोटे समय के लिए कार्यभार संभाला) | 31 जनवरी 1979 से 19 सितम्बर 1979 | |
10 | ए आर किदवई | 20 सितम्बर 1979 से 15 मार्च 1997 |
11 | पेंडेकंती वेंकटसुब्बैया | 15 मार्च 1985 से 25 फरवरी 1988 |
12 | गोविन्द नारायण सिंह | 26 फरवरी 1988 से 24 जनवरी 1989 |
13 | आर डी प्रधान | 29 जनवरी 1989 से 2 फरवरी 1989 |
14 | जगन्नाथ पहाड़िया | 3 मार्च 1989 से 2 फरवरी 1990 |
15 | मोहम्मद यूनुस सलीम | 16 फरवरी 1990 से 13 फरवरी 1991 |
16 | मुहम्मद शफी अब्बासी कुरैशी | 19 मार्च 1991 तक 13 अगस्त 1993 |
ए आर किदवई (छोटे समय के लिए कार्यकाल संभाला ) | 14 अगस्त 1993 से 26 अप्रैल 1998 | |
17 | सुंदर सिंह भंडारी | 27 अप्रैल 1998 से 15 मार्च 1999 |
18 | विनोद चंद्र पांडेय | 23 दिसंबर 1989 से 11 दिसंबर 1990 |
19 | एम आर जोइस | 12 जून 2003 से 31 अक्टूबर 2004 |
20 | बूटा सिंह | 5 नवंबर 2004 से लेकर 29 जनवरी |
21 | गोपालकृष्ण गाँधी | 31 जनवरी 2006 से 21 जून 2006 |
22 | आर एस गवाई | 22 जून 2006 से 9 जुलाई 2008 |
23 | आर एल भाटिया | 10 जुलाई 2008 से 28 जून 2009 |
24 | देवानंद कोंवर | 29 जून 2009 से 21 मार्च 2013 |
25 | दन्यांडो यसवंतरो पाटिल | 29 मई 2012 से 26 नवंबर 2014 |
केसरी नाथ त्रिपाठी (छोटे समय के लिए कार्यभार संभाला) | 27 नवंबर 2014 से 15 अगस्त 2015 | |
26 | राम नाथ कोविंद | 16 अगस्त 2015 से 20 जून 2017 |
केसरी नाथ त्रिपाठी (छोटे समय के लिए कार्यभार संभाला) | 20 जून 2017 से 29 सितम्बर 2017 | |
27 | सत्य पाल मलिक | 30 सितम्बर 2017 से 23 अगस्त 2018 |
28 | लालजी टंडन | 23 अगस्त 2018 से 28 जुलाई 2019 |
29 | फागू चौहान | 29 जुलाई 2019 से अभी तक जारी |
स्वतंत्रता से पूर्व बिहार के पहले गवर्नर (Bihar governers)
1. सर जेम्स सिफ्टन (Sir James David Sifton)
सर जेम्स सिफ्टन एक ब्रिटिश सिविल सेवक थे जो देश की आज़ादी से पहले के बिहार राज्य के सबसे पहले गवर्नर थे। इनका जन्म 17 अप्रैल 1878 को लंदन में हुआ था। इनकी गवर्नर पद पर नियुक्ति 1 अप्रैल 1936 से 10 मार्च 1937 तक रही। इनका कार्यकाल पूरे 5 साल तक रहा।
2. सर मौरिस गार्नियर हैलेट (Maurice Garnier Hallett)
सर मौरिस गार्नियर हैलेट का जन्म 28 अक्टूबर 1883 में हुआ। यह बिहार राज्य के दूसरे गवर्नर और साथ ही उत्तर प्रदेश राज्य के राज्यपाल थे। इसी के साथ ही यह भारत सरकार में होम सेक्रेटरी भी रहे है। बिहार राज्य में राज्यपाल पद पर इनकी नियुक्ति 1 मार्च 1937 से 5 अगस्त 1939 तक रही। इनका कार्यकाल 3 साल तक रहा। जिसके बाद यह यूपी राज्य के गवर्नर नियुक्त कर दिए गए थे।
3. सर थॉमस अलेक्जेंडर स्टीवर्ट : (Sir Thomas Alexander Stewart)
सर थॉमस अलेक्जेंडर स्टीवर्ट भारत राज्य में एक ब्रिटिश एडमिनिस्ट्रेटिव थे। इनका जन्म 10 जून 1786 को हुआ। यह बिहार राज्य के तीसरे राज्यपाल घोषित किये गए थे। स्टीवर्ट ने जॉर्ज हेरियट्स स्कूल से अपनी पढाई पूरी की और आगे की शिक्षा एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी से की। जिसके बाद 1911 में एग्जाम क्लियर करके भारतीय सिविल सर्विस में शामिल हुए। बिहार राज्य में गवर्नर पद पर इनकी नियुक्ति 5 अगस्त 1939 से 9 जनवरी 1943 तक रही। इनका कार्यकाल पूरे 5 साल तक रहा।
4. सर थॉमस जॉर्ज रदरफोर्ड (Thomas George Rutherford)
थॉमस जॉर्ज रदरफोर्ड भारत राज्य में एक ब्रिटिश एडमिनिस्ट्रेटिव थे। इनका जन्म को हुआ। यह बिहार राज्य के चौथे गवर्नर घोषित किये गए थे। बिहार राज्य में गवर्नर पद पर इनकी नियुक्ति 9 जनवरी 1943 से मार्च 1943 तक रही। इनका कार्यकाल पूरे 5 साल तक रहा। इन्होने अपनी पढाई जॉर्ज वाटसन कॉलेज, एडिनबुर्ज कॉलेज लंदन से पूरी की। रदरफोर्ड ने 1910 में इंडियन सिविल सर्विस में प्रवेश किया था। जिसके बाद कुछ समय तक इनका कार्यभार सर फ्रांसिस मूडी ने संभाला जिसमे उन्होंने मार्च 1943 से लेकर 1944 तक कार्य संभाला जिसके बाद दोबारा थॉमस जॉर्ज रदरफोर्ड ने 1944 से 13 मई 1946 तक राज्यपाल का पद संभाला।
5. सर हुघ डॉव ( Sir Hugh Dow )
सर हुघ डॉव का जन्म 8 मई 1886 में हुआ। यह ब्रिटिश राज के समय भारतीय सिविल सेवक थे। उन्होंने सिंध के गवर्नर के रूप में काम किया था। डॉव मेडिकल कॉलेज का नाम उन्ही के नाम पर रखा गया है। इसके बाद डॉव को बिहार का राज्य पाल बना दिया गया जिसमे उनका कार्यकाल 13 मई 1946 से 15 अगस्त 1947 तक रहा।
स्वतंत्रता के बाद बिहार के पहले गवर्नर
1. जयरामदास दौलतराम (Jairamdas Daulatram)
जयरामदास दौलतराम भारत देश की आज़ादी हो जाने के बाद बिहार के पहले गवर्नर (First Governor of Bihar) बनाये गए। इनका जन्म 21 जुलाई 1891 को कराची में सिंधी हिंदू परिवार में हुआ। दौलतराम एक भारत के स्वतंत्रा सेनानी और राजनेता था। जो कि भारत की सविंधान सभा के सदस्य सेलेक्ट किये गए। स्वतंत्रता के बाद वह बिहार राज्य के पहले राज्यपाल और भारत के दूसरे कृषि मंत्री नियुक्त किये गए। उन्होंने 15 अगस्त 1947 से 11 जनवरी 1948 तक गवर्नर का कार्यभार संभाला।
2. माधव श्री हरी अणे (Madhav Shrihari Aney)
माधव श्री हरी अणे का जन्म 29 अगस्त 1880 को हुआ। इन्हे बिहार राज्य का दूसरा राज्य पाल नियुक्त किया गया था। राज्यपाल के पद पर उनका कार्यकाल 12 जनवरी 1948 से 14 जून 1952 तक रही है। इन्हे लोकप्रिय रूप से लोकनायक बापूजी या बापूजी अणे के रूप में जाना जाता है। उन्हें लोकनायक बापूजी की उपाधि से भी सम्मानित किया गया है। जिसका मतलब होता है जनता के नेता और सम्मानित पिता।
3. आर आर दिवाकर (R. R. Diwakar)
आरआर दिवाकर का जन्म 30 सितम्बर 1894 को हुआ था। यह एक भारतीय लेखक और कर्नाटक के पॉलिटिशियन रह चुके है। देश में स्वतंत्रता आंदोलन के समय आर आर दिवाकर इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसी के साथ यह कंस्टीटूशन असेंबली और प्रोविशनल पार्लियामेंट के सदस्य रहे। जिसके बाद वह बॉम्बे में 1952 को राज्यसभा के मेंबर चुने गए थे जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और उसी समय वह 15 जून 1952 से 5 जुलाई 1957 तक के लिए बिहार राज्य के तीसरे राज्यपाल नियुक्त किये गए।
4. ज़ाकिर हुसैन (Dr. Zakir Hussain)
डॉक्टर जाकिर हुसैन फरवरी 1897 को तेलंगाना के धनाढ्य पठान परिवार में हुआ था। यह बिहार राज्य के चौथे राज्यपाल नियुक्त किये गए थे। इनका गवर्नर पद पर कार्यकाल 6 जुलाई 1957 से लेकर 11 मई 1962 तक रहा। जिसके बाद वह 1962 में देश के उप राष्ट्रपति (वाईस प्रेजिडेंट) बने और बाद में वह भारत के तीसरे एवं पहले मुस्लिम प्रेजिडेंट बने। बता देते है वह एक ऐसे मुस्लाम फ्रीडम फाइटर है जिन्होंने प्रेजिडेंट पद तक पहुँचने के लिए मेहनत की और सफल भी रहे।
5. एम ए अयंगार (M. A. Ayyangar)
एम ए अयंगार देश के लोकसभा के पहले डिप्टी स्पीकर थे। जिसके बाद वह बिहार के पाँचवे राज्यपाल घोषित किये गए। इनका जन्म 4 फरवरी 1891 को मद्रास जिले के तिरुणाचूर में हुआ था। इनका गवर्नर पद पर कार्यकाल 12 मई 1962 से लेकर 6 दिसम्बर 1967 तक रहा। अयंगार एक मैथ्स के टीचर थे जिसके बाद वह एक वकील बने। फिर उन्होंने लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में सेलेक्ट किया गया। जिसके बाद ही वह बिहार एक गवर्नर बने।
6. नित्यानंद कानूनगो (Nityanand Kanungo)
नित्यानद कानूनगो भारत देश के एक प्रमुख पॉलिटिशियन में से एक है और वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मेंबर थे। इनका जन्म 4 मई 1900 में कटक में हुआ। उन्होने अपनी पढाई रेवेंशॉ कॉलेज और यूनिवर्सिटी कॉलेज (कलकत्ता) से की। नित्यानद जी ने 1946 से 1952 तक उड़ीसा विधान सभा के मेंबर के रूप में काम किया है। उन्होंने पहले गुजरात के गवर्नर के रूप में काम किया है जिसके बाद वह 7 दिसंबर 1967 से 20 जनवरी 1971 तक बिहार के छटवें राज्यपाल के लिए नियुक्त किये गए
7. डीके बरूआ (D. K. Barooah)
डीके बरूआ का जन्म 22 फरवरी 1914 को डिब्रूगढ़ में हुआ। यह असम के एक भारतीय राजनैतिक थे। इन्होने इमरजेंसी के समय भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में काम किया है। बरुआ ने अपनी पढाई नौगॉन्ग गवर्नमेंट हाई स्कूल में की और बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। बता देते है भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के पश्चात उन्हें 3 साल के लिए जेल में डाल दिया। जिसके बाद 1952 में उन्होंने राजनैतिक संविधान सभा के मेंबर के रूप में किया जिसके बाद वह 1 फरवरी 1971 से 4 फरवरी 1973 तक बिहार के गवर्नर रहे और वह बिहार के सातवें राज्यपाल बने थे।
8. रामचंद्र धोंडीबा भंडारे (Ramchandra Dhondiba Bhandare)
रामचंद्र धोंडीबा भंडारे का जन्म 11 अप्रैल 1916 में हुआ। वह भारतीय राजनीतिज्ञ, न्यायविद एवं आंबेडकरवादी कार्यकर्त्ता थे। रामचंद्र धोंडिबा इंडियन नेशनल कांग्रेस के मेंबर थे उन्हें दो बार लोकसभा के लिए चुना गया। जिसके बाद उन्हें 1967 में महाराष्ट्र के मुंबई सेंट्रल कोंस्टीटूएंसी में चौथी लोकसभा के लिए सेलेक्ट किया गया। बता दें, उसके बाद उन्हें प्रेजिडेंट द्वारा बिहार के आठवें राज्यपाल के पद के लिए नियक्त किया गया है। जिसमे उनका कार्यकाल 4 फरवरी 1973 से 15 जून 1976 तक रहा।
9. जगन्नाथ कौशल (Jagannath Kaushal)
जगन्नाथ कौशल का जन्म 23 अप्रैल 1915 में पटियाला पंजाब में हुआ। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मेंबर थे। इसके बाद वह 1982 में भारत सरकार के लॉ मिनिस्टर रहे। जगन्नाथ कौशल ने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढाई पूरी की थी। इसी के बाद वह डिस्ट्रिक्ट व सत्र जज चुने गए। कुछ समय पश्चात उन्हें बिहार राज्य का नौवें राज्यपाल घोषित कर दिया गया। गवर्नर पद पर उनका कार्यकाल 16 जून 1976 से लेकर 31 जनवरी 1979 तक रहा।
10. ए आर किदवई (अख्लाक उर रहमान) {Akhlaqur Rahman Kidwai}
अख्लाक उर रहमान एक भारतीय रसायनज्ञ और पॉलिटिशियन थे। इनका जन्म 1 जुलाई 1921 को यूपी के बाराबंकी जिले के बड़ागांव में हुआ था। रहमान ने पश्चिम बंगाल, हरियाणा और बिहार राज्य में गवर्नर के पद पर कार्य किया है। वह बिहार राज्य के दसवें राज्यपाल बने। जिसके बाद गवर्नर के पद पर उनका कार्यकाल 20 सितम्बर 1979 से 15 मार्च 1997 तक रहा। साथ ही वह भारतीय सभा के ऊपरी सदन के मेंबर भी बने। उन्हें देश के दूसरे सुप्रीम सिविलियन अवार्ड पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
11. पेंडेकंती वेंकटसुब्बैया (Pendekanti Venkatasubbaiah)
पेंडेकंती वेंकटसुब्बैया का जन्म 18 जून 1921 को मद्रास में संजामाला में किसान के एक परिवार में हुआ। वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ (पॉलिटिशियन) थे। उन्हें 15 मार्च 1985 से 25 फरवरी 1988 तक बिहार राज्य का ग्यारवें राज्यपाल नियुक्त किया गया। जिसके बाद वह 1988 को कर्नाटक के गवर्नर बने। इसके बाद वह लोकसभा के लिए सेलेक्ट किये गए और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बने।
12. गोविन्द नारायण सिंह (Govind Narayan Singh)
गोविन्द नारायण सिंह का जन्म 25 जुलाई 1920 को रामपुर बघेलान मध्य प्रदेश में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा एमए, LLB और पीएचडी बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से की। बता देते है नारायण सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पॉलिटिशियन और 12 मार्च 1969 तक मध्य प्रदेश के पाँचवे मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद उन्हें बिहार राज्य का बारवां राज्यपाल नियक्त कर दिया गया। जिसमे उनका कार्यकाल 26 फरवरी 1988 से 24 जनवरी 1989 तक रहा।
13. आर डी प्रधान (R. D. Pradhan)
आर डी प्रधान 1952 ले एक बैच इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) के ऑफ़िसर थे। जिनका जन्म 27 जून 1928 को हुआ था। जिन्होंने राजीव गाँधी की सरकार के समय केंद्रीय ग्रह सचिव और अरुणाचल प्रदेश के गवर्नर के रूप में काम किया। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार और भारत सरकार के कई सारे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। जिसके बाद उन्हें आरडी प्रधान को 29 जनवरी 1989 से 2 फरवरी 1989 तक उन्हें बिहार का तेरवाँ गवर्नर घोषित किया गया।
14. जगन्नाथ पहाड़िया (Jagannath Pahadia)
जगन्नाथ पहाड़िया का जन्म 15 जनवरी 1932 में राजस्थान में हुआ। वह भारतीय राजनीतिज्ञ और इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के नेता है। इसी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री और हरियाणा, बिहार राज्य के राज्य पाल रहे। वह राजस्थान राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे जो दलित समाज से संबंध रखते थे। जगन्नाथ पहाड़िया को बिहार राज्य का चौदवां गवर्नर नियुक्त किया गया। उनका कार्यकाल 3 मार्च 1989 से 2 फरवरी 1990 तक रहा।
15. मोहम्मद यूनुस सलीम (Mohammad Yunus Saleem)
यूनुस सलीम एक भारत देश के पॉलिटिशियन, स्कॉलर और लॉयर थे। इसी के साथ वह धार्मिक क्षेत्र में एक्टिव भी थे। वह एक कवि थे जिन्होंने उर्दू को दूसरी ऑफिसियल लैंग्वेज बनाने के लिए अभियान भी चलाया था। उन्होंने अपनी पढ़ाई लखनऊ के क्रिश्चियन मिशन कॉलेज और आगे की पढाई जैसे BA और LLB हैदराबाद के उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पूरी की। वह बिहार राज्य के पन्द्रवें गवर्नर बने। उनका गवर्नर पद पर कार्यकाल 16 फरवरी 1990 से 13 फरवरी 1991 तक रहा।
16. मुहम्मद शफी अब्बासी कुरैशी (Mohammad Shafi Qureshi)
मुहम्मद शफी अब्बासी कुरैशी का जन्म 24 नवंबर 1928 में हुआ। वह कश्मीर के एक भारतीय राजनेता थे और जम्मू कश्मीर में भारतीय कांग्रेस पार्टी के फाउंडर थे। उन्होंने अपने लम्बे समय और एक्टिव पोलिटिकल करियर में विभिन्न पोस्ट पर काम किया है। इसके बाद उन्हें बिहार राज्य का सोलवां राज्यपला नियक्त किया गया। राज्यपाल के पद पर उन्होंने 19 मार्च 1991 तक 13 अगस्त 1993 तक काम किया।
ए आर किदवई (अख्लाक उर रहमान)
अख्लाक उर रहमान एक भारतीय रसायनज्ञ और पॉलिटिशियन थे। रहमान ने पश्चिम बंगाल, हरियाणा और बिहार राज्य में गवर्नर के पद पर कार्य किया है। जिसके बाद वह भारतीय सभा के ऊपरी सदन के मेंबर भी बने। उन्हें देश के दूसरे सुप्रीम सिविलियन अवार्ड पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। बता दें, बिहार राज्य के दसवें गवर्नर बनने के बाद वह बिहार के कुछ समय के लिए फिर राज्य पाल भी नियुक्त किये गए। उस समय उनका कार्यकाल 14 अगस्त 1993 से 26 अप्रैल 1998 तक रहा।
17. सुंदर सिंह भंडारी (Sunder Singh Bhandari)
सुंदर सिंह भंडारी का जन्म 12 अप्रैल 1921 को उदयपुर में हुआ। भंडारी जी एक भारतीय राजनीतिज्ञ रहे है। इसी के साथ वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संग, भारतीय जन संघ और भारतीय जनता पार्टी के पॉलिटिशियन थे। उन्होंने अपनी शिक्षा कानपुर में पूरी की। उन्हें 27 अप्रैल 1998 को बिहार के 17वें राज्य पाल नियुक्त किया जिसके बाद उन्होंने 15 मार्च 1999 तक गवर्नर का कार्यभार संभाला।
18. विनोद चंद्र पांडेय (V. C. Pande)
विनोद चंद्र पांडे राजस्थान कैडर के एक सिविल सर्वेंट रहे है इसी के साथ वह कैबिनेट सेक्रेटरी रहे। पांडे जी का जन्म 16 फरवरी 1932 को हुआ। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अपनी पढाई पूरी की। वह बिहार, झारखण्ड और अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे है। वह बिहार के अठारवें राज्यपाल नियुक्त किये गए थे। बिहार में गवर्नर पद पर उनका कार्यभार 23 दिसंबर 1989 से 11 दिसंबर 1990 तक रहा। बात देते है वह हिंदी, पाली और संस्कृत के लेखक थे।
19. एम आर जोइस (Rama Jois)
जस्टिस मंडागड्डे रामा जोइस का जन्म 27 जुलाई 1931 को हुआ। वह एक इंडियन पॉलिटिशियन और जज रहे है। जोइस झारखण्ड और बिहार राज्य के गवर्नर के रूप में नियुक्त किये गए। इसी के साथ उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के रूप में काम किया था। बता देते है, जोइस को बिहार राज्य के उन्नीसवें गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने राज्यपाल के पद पर 12 जून 2003 से 31 अक्टूबर 2004 काम किया है।
20. बूटा सिंह (Buta Singh)
बूटा सिंह बिहार के बीसवें राजपाल रहे है। उनका जन्म 21 मार्च 1934 को पंजाब के मज़हबी परिवार में हुआ। बूटा सिंह एक भारतीय राजनीतिज्ञ और इंडियन नेशनल कांग्रेस के सीनियर लीडर थे। इसी के साथ वह भारत के यूनियन होम मिनिस्टर भी थे। 5 नवंबर 2004 से लेकर 29 जनवरी तक बिहार के राज्य पाल घोषित किये गए। जिसके बाद वह 2007 से लेकर 2010 में वह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बने । बता देते है उन्होंने अपनी पढाई लायलपुर खालसा कॉलेज से प्राप्त की।
21. गोपालकृष्ण गाँधी (Gopalkrishna Gandhi)
गोपालकृष्ण गाँधी एक भारतीय रसायनज्ञ और पूर्व राजनायक रहे है। इनका जन्म 22 अप्रैल 1945 हो हुआ। गोपालकृष्ण गाँधी 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के 21वें गवर्नर के रूप में कार्य किया। 1968 में एक अधिकारी के रूप में IAS में शामिल हुए और तमिलनाडु में सेवा की। पश्चिम बंगाल के राज्य पाल के बाद वह बिहार के गवर्नर घोषित किये गए। इसमें उनका कार्यकाल 31 जनवरी 2006 से 21 जून 2006 तक रहा। बता देते है जानकारी के मुताबित यह महात्मा गाँधी और सी राजगोपालाचारी (राजाजी) के पोते है।
22. आर एस गवई (रामकृष्ण सूर्यभान गवई) {R S Gavai}
रामकृष्ण सूर्यभान गवई का जन्म 30 अक्टूबर 1929 को हुआ। वह एक भारतीय पॉलिटिशियन और सामाजिक कार्यकर्त्ता रहे। वह दादासाहेब गवई के नाम से प्रसिद्ध थे। गवई जी बिहार, केरल और सिक्किम के गवर्नर रह चुके है। इसी के साथ वह दोनों सदन लोकसभा व राज्य सभा के मेंबर रह चुके है। वह बिहार के बाइसवें गवर्नर थे और राज्यपाल के पद पर 22 जून 2006 से 9 जुलाई 2008 तक रहे। जिसके बाद वह सिक्किम और फिर केरल के राज्य पाल बने।
23. आर एल भाटिया (रघुनंदन लाल भाटिया) {R. L. Bhatia}
आर एल भाटिया एक इंडियन पॉलिटिशियन थे। उनका जन्म 3 जुलाई 1920 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। उन्होंने अपनी पढाई लाहौर में पंजाब यूनिवर्सिटी से पूरी की। वह 23 जून 2004 से 10 जुलाई 2008 तक केवल के राज्यपाल रहे और 10 जुलाई 2008 से 28 जून 2009 तक वह बिहार राज्य के 23वें राज्यपाल रहे।
24. देवानंद कोंवर (Devanand Konwar)
देवानंद कोंवर असम के एक सीनियर कांग्रेसी है। इन्होने अपना करियर इंग्लिश डिपार्टमेंट में लेक्चरर के रूप में शुरू किया। जिसके बाद वह मुंबई में अमेरिकी फर्म स्टैण्डर्ड वैक्यूम आयल कंपनी के लिए मार्केटिंग मैनेजर के रूप में काम किया। देवानंद कोंवर को त्रिपुरा, बिहार, पश्चिम बंगाल में राज्यपाल पद के लिए नियुक्त किया गया। बिहार राज्य में वह 24वें राज्यपाल बने जिसमे गवर्नर पद के लिए उनका कार्यकाल 29 जून 2009 से 21 मार्च 2013 तक रहा।
25. ज्ञानदेव यशवंतराव पाटील (D. Y. Patil)
ज्ञानदेव यशवंतराव पाटिल का जन्म 22 अक्टूबर 1935 को हुआ। यह एक भारतीय पॉलिटिशियन है। इसी के साथ ही वह एक टीचर भी रहे है। पाटिल जी 29 मई 2012 से 26 नवंबर 2014 तक बिहार राज्य के गवर्नर नियुक्त किये गए। वह बार के पचीसवें राज्यपाल बने। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के गवर्नर घोषित किये गए। फिर वह 2018 में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।
केसरी नाथ त्रिपाठी
केसरी नाथ त्रिपाठी एक भारतीय राजनीतिज्ञ रहे है। जिनका जन्म 10 नवंबर 1934 को हुआ। जिन्होंने जुलाई 2014 तक पश्चिम बंगाल में गवर्नर पद पर कार्य किया। इसी के साथ केसरी नाथ त्रिपाठी जी को छोटे कार्यकाल के लिए मेघालय, मिजोरम व बिहार राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया। बिहार राज्य में राज्यपाल के पद के लिए उनका कार्यकाल 27 नवंबर 2014 से 15 अगस्त 2015 एक रहा। इसी के साथ वह बीजेपी के मेंबर भी रहे।
26. राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind)
रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 में हुआ। वह भारत के 14वें वर्तमान प्रेजिडेंट है। इसी के साथ वह एक पॉलिटिशियन और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य रहे है। वह भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने वाले यूपी के पहले व्यक्ति है। राष्ट्रपति बनने से पहले वह बिहार के 26वें राज्यपाल नियुक्त किये गए थे। जिसमे उनका कार्यकाल 16 अगस्त 2015 से 20 जून 2017 तक रहा।
केसरी नाथ त्रिपाठी
केसरी नाथ त्रिपाठी एक भारतीय राजनीतिज्ञ रहे है। जिनका जन्म 10 नवंबर 1934 को हुआ। जिन्होंने जुलाई 2014 तक पश्चिम बंगाल में गवर्नर पद पर कार्य किया। इसी के साथ केसरी नाथ त्रिपाठी जी को छोटे कार्यकाल के लिए बिहार राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया। बिहार राज्य में राज्यपाल के पद के लिए उनका कार्यकाल 20 जून 2017 से 29 सितम्बर 2017 तक रहा।
27. सत्य पाल मलिक (Satya Pal Malik)
सत्यपाल मलिक एक भारतीय पॉलिटिशियन है। जिनका जन्म 24 जुलाई 1946 को यूपी के बागपत हिसवाडा गांव के एक जाट परिवार में हुआ। वर्तमान में मलिक जी मेघालय राज्य में 21वें गवर्नर के रूप में नियुक्त किये गए है। इसी के साथ ही वह गोवा और जम्मू कश्मीर और बिहार के राज्यपाल भी रहे। उन्होंने अपनी पढाई मेरठ कॉलेज से की। बता देते है, बिहार राज्य में राज्यपाल पद के लिए उनका कार्यकाल 30 सितम्बर 2017 से 23 अगस्त 2018 तक रहा। वह बिहार राज्य के 27वें गवर्नर बनाये गए थे।
28. लालजी टंडन (Lalji Tandon)
लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 को लखनऊ राज्य में हुआ। वह एक इंडियन पॉलिटिशियन रहे। लालजी टंडन मध्य प्रदेश के 18वें गवर्नर और बिहार के 28वें गवर्नर नियुक्त किये गए थे। इसी के साथ वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भी रहे। बिहार राज्य में उनका कार्यकाल 23 अगस्त 2018 से 28 जुलाई 2019 तक रहा।
29. फागू चौहान (Phagu Chauhan)
फागू चौहान का जन्म 1 जनवरी 1948 को हुआ। वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं वर्तमान में 29वें बिहार राज्य के राज्यपाल (current Governor of Bihar) है। वह घोसी से यूपी की 17वी विधान सभा के पूर्व मेंबर रहे है। बता देते है, फागू चौहान मऊ जिले की घोसी विधान सभा सीट से छह बार जीत रिकॉर्ड करने वाले एकमात्र विधायक (MLA) है। वह पहली बार 1985 में दलित मजदूर किसान पार्टी के विधायक बने और साथ ही वह कई पार्टियों के सदस्य भी रहे। बिहार राज्य में उनका गवर्नर पद पर कार्यकाल 29 जुलाई 2019 से शुरू हुआ है और अभी तक चल रहा है।
कैसे होती है राज्यपाल (गवर्नर) की नियुक्ति (Appointment Of Governer)
गवर्नर के रूप में नियुक्ति होने के लिए कंस्टीटूशन ने कुछ पात्रताएं निर्धारित की है। जो इस प्रकार से है :
- राज्यपाल पद के लिए कोई भी व्यक्ति तब तक नियुक्त होने के योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक ना हो।
- 35 साल की आयु के बाद ही गवर्नर के पद पर नियुक्ति की जाती है।
- वह राजनैतिक रूप से कम से कम पिछले 5 सालों से राष्ट्रीय रूप से एक्टिव ना रहा हो।
- वह राज्यपाल विधानसभा का सदस्य सेलेक्ट किया जाने वाला मेंबर हो।
इस लेख में हमने आपको बिहार के अब तक के राज्यपाल से जुडी सभी जानकारियों को विस्तार पूर्वक बता दिया है। अगर आपको इससे जुडी किसी भी तरह की अन्य जानकरियों को जानना है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है। हम आपके सभी प्रश्नो के उत्तर जरूर देंगे।