Mallikarjun Kharge Biography in Hindi: दोस्तों आज इस लेख में हम कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। आज इस लेख में हम इनके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जैसे कि मल्लिकार्जुन खड़गे कौन हैं, जीवनी, काम, परिवार, जन्म, शिक्षा, बच्चे, धर्म, राजनितिक जीवन कुल सम्पति, कांटेक्ट नंबर क्या है। जैसी कई सारी बाते आज हम इस लेख में बताने वाले हैं। मल्लिकार्जुन फरवरी 2021 में कर्नाटक से राजयसभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे। वे (Mallikarjun Kharge) इससे पहले भारत सरकार में रेल मंत्री और श्रम व रोजगार मंत्री रह चुके हैं। इनके जीवन से जुडी बाकी कई बाते विस्तार में जानते हैं।

कौन है मल्लिकार्जुन खड़गे (Who Is Mallikarjun Kharge)
दोस्तों मल्लिकार्जुन खड़गे भारतीय राजनेता और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। जो कि वर्तमान समय में कर्नाटक कांग्रेस पार्टी में कार्यरत हैं, वे 2008 में कांग्रेस कमेटी प्रेसिडेंट के पद पर भी रह चुके हैं। आपको बता दें की मल्लिकार्जुन खड़गे ने 9 बार लगातार विधानसभा सदस्य का चुनाव जीता है। यह नेता इससे पहले भारत सरकार की पंद्रहवी लोकसभा के मंत्रीमंडल में रेल मंत्री और श्रम व रोजगार मंत्री भी रह चुके हैं। 2009 से लेकर 2019 तक मल्लिकार्जुन कर्नाटक के गुलबर्गा शहर के सांसद रह चुके हैं। इस साल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव होने जा रहा है। जिसमें कि मल्लिकार्जुन और शशि थरूर का नाम है।
17 अक्टूबर को अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हो रही है। पार्टी नियमों के अनुसार कई सालों के बाद कोई अन्य व्यक्ति पार्टी का अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में सामने आया है क्योंकि अभी तक कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष केवल गाँधी परिवार से ही चुना जाता आ रहा है कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में अब निर्णय आने के बाद पता चलेगा की कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन बनता है। 19 अक्टूबर 2022 को इस चुनाव का नतीजा सबके सामने आ जायेगा। फिलहाल शशि थरूर को मतों के आधार पर इस अध्यक्ष पद की रेस में आगे माना जा रहा है। बाकी पूर्णतः नतीजे प्राप्त होने पर पता चल सकेगा।
जीवन परिचय (Mallikarjun Kharge Biography )
पूरा नाम | मपन्ना मल्लिकार्जुन खड़गे |
उपनाम (अन्य नाम) | सोलिल्लादा सारदारा |
पेशा/काम | भारतीय राजनेता |
राजनितिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
लम्बाई (लगभग) | 5 फ़ीट 10 इंच 178 सेंटीमीटर 1.78 मीटर |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | सफ़ेद |
निजी जानकारी (Personal Information)
जन्मतिथि | 21 जुलाई 1942 |
आयु | 80 वर्ष (2022 के अनुसार) |
जन्म स्थान | वारवती, बीदर, हैदराबाद राज्य, ब्रिटिश भारत (अब बीदर, कर्नाटक, भारत) |
हस्ताक्षर | ![]() |
राष्ट्रीयता | ब्रिटिश भारतीय (21 जुलाई 1942-15 अगस्त 1947) भारतीय (15 अगस्त 1947-वर्तमान) |
गृहनगर | गुलबर्गा (वर्तमान में कलबुर्गी) कर्नाटक |
स्कूल | नूतन विद्यालय, गुलबर्गा |
कॉलेज | गवर्नमेंट आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज, गुलबर्गा |
यूनिवर्सिटी | सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज, गुलबर्गा |
शैक्षिक योग्यता | गवर्नमेंट आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज, गुलबर्गा, कर्नाटक से बीए (Bachelor Of Arts) सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज, गुलबर्गा से एलएलबी (Bachelor of Legislative Law) |
भाषा | कन्नड़, हिंदी, इंग्लिश |
धर्म | बौद्ध |
राशि | कर्क |
जाति | दलित |
पता | बैंगलोर का पता 289, 17वां क्रॉस, सदाशिवनगर, बैंगलोर-560080 गुलबर्गा का पता लुंबिनी ऐवान-ए-शाही क्षेत्र, गुलबर्गा, कर्नाटक-585102 |
वर्तमान पता | 9 सफदरजंग रोड, नई दिल्ली- 110 011 |
ईमेल आईडी | [email protected] |
शौक/रुचियाँ | अंधविश्वास और रूढ़िवादी प्रथाओं के खिलाफ लड़ाई, तर्कसंगत खोज, किताबें पढ़ना। |
पसंदीदा खेल | क्रिकेट, कबड्डी, हॉकी |
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मल्लिकार्जुन का जन्म
इन (मल्लिकार्जुन) नेता का जन्म सन् 1942 में 21 जुलाई को कर्नाटक के वारवती, बीदर हैदराबाद राज्य ब्रिटिश काल के समय जो की वर्तमान समय में कर्नाटक में है। इनका जन्म एक सामान्य से परिवार में हुआ था इनके पिताजी का नाम मपन्ना खड़गे है। और इनकी माता का नाम साईबाव्वा खड़गे था। जब मल्लिकार्जुन केवल 7 साल के थे उस वक़्त कुछ जातिगत दंगों के चलते इनकी माता की मृत्यु हो गई थी। और इन्ही दंगो के कारण इनका सारा परिवार गुलबर्गा जिले में आ गए। जो कि वर्तमान समय में कलबुर्गी के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यह घटना ब्रिटिश काल की है इसलिए उस वक़्त कर्नाटक हैदराबाद में ही आता था।
मल्लिकार्जुन खड़गे की शिक्षा (Mallikarjun Kharge Education)
राजनेता मल्लिकार्जुन ने अपनी स्कूली शिक्षा नूतन विद्यालय गुलबर्गा (कलबुर्गी) से प्राप्त की है। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इन्होने गवर्नमेंट आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज गुलबर्गा से BA किया और सेठ शंकर लाल लाहोटी लॉ कॉलेज से इन्होने बैचलर ऑफ़ लेजिस्लेटिव लॉ (LLB) की शिक्षा पूरी की। लॉ की शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन्होने न्यायमूर्ति(जज) शिवराज पाटिल के ऑफिस में अभ्यास करना शुरू किया। और इसके बाद अपने वकीली करियर की शुरुआत श्रमिक संघों के केस लड़ने से की।
परिवार (Mallikarjun Kharge Family)
पिता का नाम | मपन्ना खड़गे |
माता का नाम | स्वर्गीय साईबाव्वा खड़गे |
भाई बहन | ज्ञात नहीं |
वैवाहिक स्थिति
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी | राधा बाई खड़गे |
शादी की तारीख | 13 मई 1968 |
बच्चे | 3 बेटे व 2 बेटियाँ |
बच्चों का नाम | ज्ञात नहीं |

मल्लिकार्जुन खड़गे की शादी साल 1968 में 13 मई को राधाबाई से हुई थी। वर्तमान समय में इनके परिवार में इनके 3 बेटे और 2 बेटियाँ हैं। मल्लिकार्जुन के एक बेटे प्रियंक खड़गे कर्णाटक कलबुर्गी जिले में चितपुर विधान सभा क्षेत्र के विधायक हैं। और वहीं इनका दूसरा बेटा राहुल खड़गे हैं, जो कि फिलहाल आईटी कंपनियों में सलाहकार (Advisor) का काम करते हैं। आपको बता दें राहुल खड़गे ने UPSC की परीक्षा पास कर ली थी और इसके बाद वो भारतीय राजस्व सेवा के लिए चुने गए थे, उन्होंने इसकी ट्रेनिंग भी ली लेकिन ट्रेनिंग हो जाने के बाद इन्होने अपने काम से इस्तीफा दे दिया था। और इनकी बेटी प्रियदर्शनी डॉक्टर है। बता दें कि राहुल खड़गे की पत्नी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है। और इनके बाजी 2 बच्चों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
मल्लिकार्जुन की राजनितिक यात्रा
- दोस्तों मल्लिकार्जुन ने अपनी राजनितिक यात्रा/जीवन अपने कॉलेज के समय से ही शुरू कर दिया था।
- वे अपने कॉलेज के समय में गुलबर्गा में यूनियन छात्र संघ के महासचिव का चुनाव भी जीत चुके थे। और पूर्ण रूप से वो साल 1969 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सम्मिलित हुए।
- इसी साल बाद में वो गुलबर्गा शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। 1972 में मल्लिकार्जुन कर्नाटक में गुरमीतकल विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीते।
- 1976 से लेकर 1978 तक ये कर्नाटक के राज्य मंत्री के स्वतंत्र प्रभार के पद पर और प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री के पास पर रहे।
- 1978 में खड़गे कर्नाटक सरकार के पंचायती राज मंत्री, ग्रामीण विकास और कैबिनेट मंत्री बने।
- 1980 से लेकर तक खड़गे कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्री और राजस्व मंत्री के पास पर रहे।
- साल 1983 में वे एक बार फिर से गुरमीतकल विधान सभा से विधायक का चुनाव जीते।
- और 1983 में ही उनको कर्नाटक विधान सभा के सचिव के रूप में चुने गए।
- 1983 से लकर 1985 तक वो कर्नाटक कांग्रेस कमेटी के महासचिव के पर पर रहे।
- 1985 में खड़गे एक बार फिर से गुरमीतकल विधानसभा से विधायक पद का चुनाव जीत गए।
- 1989 में फिर से वो गुरमीतकल विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीत गए।
- 1990 से लेकर 1992 तक वे कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्री के साथ ही साथ पंचायती राज, राजस्व, ग्रामीण विकास मंत्री के पद पर रहे।
- 1992 से लेकर 1994 तक कर्नाटक सरकार में खड़गे ने कैबिनेट मंत्री, सहकारिता, बड़े व मध्यम उद्योग मंत्री का पद संभाला।
आधिकारिता व रेल मंत्री के पद पर हुई नियुक्ति
साल 1994 में भी मल्लिकार्जुन को विधायक पद के चुनाव में गुरमीतकल विधान सभा क्षेत्र से जीत प्राप्त। 1996 से लेकर 1999 तक मल्लिकार्जुन ने कर्नाटक विधान सभा कांग्रेस विधायक दल और विपक्ष नेता के पद पर काम किया। साल 1999 में भी उन्होंने गुरमीतकल विधानसभा से विधायक का चुनाव जीता। साल 1999 से 2004 तक खड़गे कर्नाटक सरकार के बुनियादी ढाँचा विकास, लघु सिंचाई मंत्री, और गृह मंत्री के पद का कार्यभार संभाला। 2004 में वो फिर से गुरमीतकल विधान सभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीत गए थे। 2004 से लेकर 2006 तक मल्लिकार्जुन कर्नाटक सरकार के कैबिनेट मंत्री, लघु सिंचाई, परिवहन और जल संसाधन मंत्री के रूप में काम करते रहे। 2005 से 2008 तक वो कर्नाटक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के पद पर रहे। 2008 से 2009 तक मल्लिकार्जुन ने कर्नाटक विधान सभा कांग्रेस विधायक दल और विपक्ष नेता के पद पर काम किया।
2009 में मल्लिकार्जुन गुलबर्गा लोकसभा क्षेत्र के सांसद के रूप में चुने गए। 31 मई 2009 से से 17 जून 2013 तक वो केंद्रीय केबिनेट मंत्री के पद पर रहे इसके साथ ही इन्होने रोजगार और श्रम मंत्री संभाला। 17 जून 2013 से लेकर 26 मई 2014 तक खड़गे केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के पद पर तो थे ही इसके साथ ही उन्होंने सामाजिक न्याय और आधिकारिता व रेल मंत्री के रूप में भी काम किया। साल 2014 में खड़गे फिर से लोकसभा गुलबर्गा क्षेत्र से फिर से सांसद पद का चुनाव जीत गए। 2014 से लेकर 2019 तक मल्लिकार्जुन खड़गे लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल नेता के पद पर रहे।
गृह मामला सदस्य बने
इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे गृह मामले समिति के सदस्य भी रहे। और 2014 से 2019 तक खड़गे विरासत चरित्र रखरखाव, संसद भवन परिसर विकास के संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य रहे। खड़गे ने NC सदस्य का काम भी किया। 2015 से 2019 तक वो प्रयोजन समिति के सदस्य के रूप में काम करते रहे। 2017 से 2019 तक वो कांग्रेस ओके लेखा समिति के अध्यक्ष पद पर रहे। इसके बाद वे लोकसभा बजट समिति सदस्य के पद पर भी रहे। आपको बता दें साल 2018 में मल्लिकार्जुन All India Congress Committee के महासचिव बने। 2019 में मल्लिकार्जुन गुलबर्गा लोकसभा क्षेत्र का चुनाव हार गए और 2020 में उनका चयन राजयसभा के लिए किया गया।
जुलाई 2020 से 2021 अप्रैल तक वो लोक लेखा समिति सदस्य के पद पर रहे। फरवरी 2021 में मल्लिकार्जुन राजयसभा में विपक्ष पार्टी नेता के रूप में चुने गए थे। कुछ दिनों पहले (अक्टूबर 2022 में) इन्होने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद चुनाव के नामांक के लिए राजयसभा के विपक्ष नेता के पद से इस्तीफा दे दिया।
मल्लिकार्जुन बने कांग्रेस के नए पार्टी अध्यक्ष
आपको बता दें मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार 19 अक्टूबर 2022 को कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हो गए हैं। मल्लिकार्जुन ने अपने विरोधी नेता शशि थरूर को 6,825 वोट के अंतर से हरा दिया। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने मल्लिकार्जुन खड़गे को निर्वाचित स्पष्ट (घोषित) किया।

खड़गे कितने वोटों से जीते
कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री का कहना है कि मल्लिकार्जुन को 7,897 वोट मिले थे जबकि शशि थरूर को केवल 1,072 वोट प्राप्त हुए थे। जबकि चुनाव में कुल 9,385 मतदान हुए थे। जिसमे से 416 वोट अमान्य थे।
शशि थरूर ने दी बधाई
खड़गे के प्रतिद्वंदी शशि थरूर ने चुनावी नतीजों की आधिकारिक तौर से घोषणा होने से पहले ही अपनी हार को प्रकट करते हुए मल्लिकार्जुन को बधाई दी। थरूर ने कहा कि आखिरी फैसला खड़गे के पक्ष में रहा कांग्रेस चुनाव में उनकी जीत के लिए मैं उन्हें हार्दिक बधाई देना चाहता हूँ। शशि थरूर के साथ ही पार्टी के कई नेताओं ने जीत की बधाई दी।
It is a great honour & a huge responsibility to be President of @INCIndia &I wish @Kharge ji all success in that task. It was a privilege to have received the support of over a thousand colleagues,& to carry the hopes& aspirations of so many well-wishers of Congress across India. pic.twitter.com/NistXfQGN1
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 19, 2022
कुल सम्पति
दोस्तों यदि आपको मल्लिकार्जुन खड़गे की चला चल सम्पति के बारे में बतायें तो उनके पास चल और अचल दोनों ही प्रकार की काफी बड़ी सम्पति है। दोस्तों आपको बता दें की चल और अचल सम्पति में क्या अंतर होता है,
चल सम्पति होती है जो चलायमान/जिसका उपयोग आप कहीं भी कर सकें। इसमें गाडी, धन, बर्तन, पशु-पक्षी घर का सामान जैसे जिन चीजों को आप एक जगह से दूसरी जगह पर लेजा कर इस्तेमाल कर सकते हैं, इस प्रकार की सभी मूल्यवान चीजें चल सम्पति के अंतर्गत आती हैं।
अचल सम्पति में वो सभी चीजें आती हैं, जिनको आप किसी दूसरे स्थान पर लेजाकर इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं जैसे जमीन, घर, आदि इन सभी चीजों पर क़ानूनी टैक्स भी लगाए जाते हैं और कई नियम भी लागू होते हैं। इसको वास्तविक सम्पति भी कहा जाता है।
मल्लिकार्जुन खड़गे की कुल सम्पति
दोस्तों प्राप्त जानकारी के आधार पर पता चला है कि आज से 3-4 साल पहले वे 15 करोड़ से ज्यादा सम्पति के मालिक थे। आपको बता दें जब मल्लिकार्जुन ने साल 2019 में कर्नाटक, गुलबर्गा से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन के समय अपनी सम्पति को लेकर एफिडेविट स्वीकृत किया था, जिसके अनुसार उनकी कुल सम्पति 15,77,22,896 करोड़ तक थी और इसके साथ ही मल्लिकार्जुन ने 31,22,000 अपनी देनदारियां बताई थी, लेकिन इससे जुडी एक और जानकारी ये है कि इसशपथ पत्र में मल्लिकार्जुन ने उनके किसी भी वाहन का जिक्र नहीं किया था।
आपको बता दें कहा जा रहा था कि मल्लिकार्जुन की सम्पति केवल 15 महीनो में 40 प्रतिशत अधिक बढ़ गई थी। और आपको बता दें कि इनकी सम्पति बढ़ने का मुख्य कारण इनकी जमीन मानी जा रही थी, क्योंकि जमीन की कीमत हर ओर बढ़ ही रही है। जिसके कारण मल्लिकार्जुन काफी ज्यादा मात्रा में जमीन के मालिक हैं। और इनके पास इनकी पैतृक जमीन भी है। जिसके कारण इनकी सम्पति में में कम समय में काफी इजाफा हुआ।
मल्लिकार्जुन से संबंधित कुछ बातें
- मल्लिकार्जुन अपने कॉलेज के समय में वो एक होनहार विद्यार्थी तो थे ही इसके साथ ही साथ वो एक अच्छे खिलाडी भी थे।
- वे फुटबॉल और कबड्डी के अच्छे खिलाडी थे। आपको बता दें, इन्होने कई जिला स्तर और मंडल स्तर पर कई पुरस्कार अपने नाम किये हैं।
- हॉकी टूर्नामेंट में मल्लिकार्जुन ने अपने कॉलेज और यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व किया था।
- बता दें कि खड़गे बंगलौर में सांस्कृतिक केंद्र, चौदिया मेमोरियल हॉल के सहायक/संरक्षक भी हैं।
- खड़गे साल 2012 तक सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के संस्थापक-अध्यक्ष रह चुके हैं।
- खड़गे डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर का अनुसरण करते हैं और वो अम्बेडकर के ग्रंथ “बुद्ध और उनका धम्म” के अनुसार कार्य करते हैं, उनका कहना है कि यह ग्रंथ हमें बौद्ध धर्म की बेहतर समझ प्रदान करता है।
- मल्लिकार्जुन को सोलिल्लादा सारदारा नाम लोगों ने दिया था। इसका मतलब आप बिना किसी हार के नेता बने व्यक्ति को कह सकते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की खड़गे ने 1972 से लेकर 2008 तक लगातार 9 बार विधान सभा सदस्य के चुनाव जीते हैं।
दो दोस्तों ये थी मल्लिकार्जुन खड़गे के निजी जीवन और राजनितिक जीवन से जुडी कुछ बातें उम्मीद है आपको ये जानकरी पसंद आई होगी।